Friday, July 25, 2014

कारगिल का युध थमा नही , कारगिल अभी रुका नही !



कारगिल का युध थमा नही , कारगिल अभी रुका नही !
कारगिल  युध विराम हुवा नही ! भारत कभी जुकाह नही !  क्यूंकी   कारगिल...अभी

वो महाभारत की एक ओर अध्याय थी !
जिसका अंतिम शालोक अभी कृशण ने कहा नही !   क्यूंकी   कारगिल...अभी

आज़ाध मैदान मे जभ अमर कुंठ पर लात मारी जिहादी ने !
वो शीशा टूटा मगर , मेरा सामर्थ्य टूटा नही !   क्यूंकी   कारगिल...अभी

जब मुंबई की रेल मे, धड़ शीश से अलग हुवे !
धमाकू की गूँझ से ललकार मेरी रुकी नही !  क्यूंकी   कारगिल...अभी

जब जहाद की तलवार कश्मीर से केरेला तक चीरती रही !
लहू गंगा मे तो बह गया , मगर अभी धरती सींची नही !  क्यूंकी   कारगिल...अभी

जब ओवसी , गीलानी और बॅट्कल चिलाते है पाकिस्तान पाकिस्तान !
मेरे अंतकरण मुझ से कहते है , तुम अभी रुकना नही !  क्यूंकी   कारगिल...अभी 

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