Sunday, January 22, 2012

क्या सच मे ? मेरे पूर्वज ढूध के दुले नहीं है !

मेरे  पूर्वज  ढूध के  दुले  नहीं  है !
असमंजस  मे   आज  कुछ  विचार  है  !
विचारधारा, विमर्श  से   भी  उपर  है  ! 
क्या सच  मे ? मेरे  पूर्वज  ढूध के  दुले  नहीं  है !


क्यूँ  कि उनकी  गयाः  को वोह  मार  गया है  !
क्यों  कि  उनकी  शयाह  को  वोह छीन  गयाः है  !
क्यूंकि  मेरे  पूर्वज अपने  खून  मै नहाये   है  !
सच मे ,  मेरे  पूर्वज  ढूध के  दुले  नहीं  है !


बटट  मज़ार  मे  आझ  भी उनकी  अस्थि  जुलसी  है  !
खानकहूँ  की  बुनियाद  मे माह काली  की  प्रतिमाह   है  !
दडल झील  के  तले  अभ  भी  उनकी  हडिया  है  !
सच मे ,  मेरे  पूर्वज  ढूध के  दुले  नहीं  है !


रिनचेन  का  खंजर  रानी कोटा की  पीठ मे  है  !
मूसा  का  षड्यंत्रे  इतिहास  मे  रचा बसा  है  !
बुध्शिकन  का  हथोडा   अभ  भी  चलता   है  !
सच मे ,  मेरे  पूर्वज  ढूध के  दुले  नहीं  है ! 

अफ्घान  , अरब  , फारसी  , मंगोल  रोंद  चुकेह है  !
फिर भी शंकराचार्य  पर  मंदिर  की  गंटी अभ भी बजती  है  !
कोहे सुलेमान कोहे मारां  आझ  भी असंभव है
क्यों कि मेरा  पूर्वज  आज  भी  मुझ  v  ज़िन्दः  है  !
क्यूंकि  मेरे  पूर्वज अपने  खून   मे नहाये   है  !
सच मे ,  मेरे  पूर्वज  ढूध के  दुले  नहीं  है ! 
सच मे ,  मेरे  पूर्वज  ढूध के  दुले  नहीं  है ! 

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